भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ सीमा पार आतंकवाद, आतंकी फंडिंग और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से संबंधित मुद्दों को उठाएगा। विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक रोम और ग्लासगो के दौरे पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में आतंकी फंडिंग और आतंकवाद की गतिविधियों का दुनिया पर प्रभाव पड़ रहा है जिसकी ओर भारत वैश्विक नेताओं का ध्यान आकर्षित कर सकता है।
दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- मैं रोम में आयोजित हो रहे 16वें G-20 सम्मेलन में भाग लूंगा। मैं G-20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर होने वाली चर्चा में शामिल होऊंगा। मैं 29 से 31 अक्टूबर के दौरान रोम और वेटिकन सिटी का दौरा करूंगा। इसके बाद मैं प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के निमंत्रण पर पहली से दो नवंबर तक ग्लासगो की यात्रा पर रहूंगा।
विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा और आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। सम्मेलन से कोविड-19 महामारी से मुकाबले समेत दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर ठोस नतीजे निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 का मंच भारत के लिए दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ सम्पर्क करने का महत्वपूर्ण मंच है।
विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने यह भी कहा कि भारत विकासशील देशों के आम नागरिकों और जी-20 में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की आवाज बना रहेगा। इस सम्मेलन में भारत सदस्य देशों के साथ कोरोना महामारी समेत कई मुद्दों पर भी चर्चा करेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में कोरोना जैसी किसी महामारी आने और इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं गठजोड़ को बल देने के लिए जी-20 किसी ढांचा के गठन के मसले पर भी चर्चा कर सकता है।
यह भी पढ़ें…