नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में सियासत के नाम पर खूनी खेल जारी है। बीरभूम में टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद हिंसा फैल गई। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को अपराध स्थल से साक्ष्य के नमूने एकत्र करने और चश्मदीदों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया। साथ ही राज्य सरकार से कल दोपहर 2 बजे तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
इसी बीच पीएम मोदी ने भी घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मैं पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसक वारदात पर दुख व्यक्त करता हूं, अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं आशा करता हूं कि राज्य सरकार, बंगाल की महान धरती पर ऐसा जघन्य पाप करने वालों को जरूर सजा दिलवाएगी।
पीएम ने आगे कहा कि मैं बंगाल के लोगों से आग्रह करता हूं कि ऐसी वारदात करने वाले लोगों को कभी माफ न करें। बता दें कि बीरभूम जिले के एक गांव में एक दिन पहले कुछ मकानों में आग लगा दी गई जिसमें जल कर आठ लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 3 महिलाएं और 2 बच्चे भी शामिल हैं। बंगाल में हुई इस हिंसा पर राजनीति भी छिड़ गई है।
बीजेपी ने ममता को घेरा
बेजेपी घटना स्थल पर अपना प्रतिनिधिमंडल भेज दिया। शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व गई प्रतिनिधिमंडल को बंगाल पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद अधिकारी ने कहा कि हमें मौके पर जाने से रोक दिया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह वहां जा रही हैं। वह सबूतों को मिटाने और दोषियों को बचाने के लिए इलाके का दौरा करेंगी। बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है।
ममता ने एसआईटी का किया गठन
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका में कहा गया है कि एसआईटी पहले ही इस मुद्दे पर कई विरोधाभासी बयान दे चुकी है और यह केवल “सत्तारूढ़ दल के दास” के रूप में कार्य करेगी, बार और बेंच ने बताया।
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