झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात उस समय मातम पसर गया जब NICU में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट होने के बाद आग लग गई। पूरा NICU हाइली ऑक्सिजनेटेड था ऐसे में आग ने पूरे हॉल के अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते भीषण आग लग गई। इस घटना में 10 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद योगी सरकार हरकत में आ गई है। लखनऊ से लेकर नोएडा तक और बाराबंकी से लेकर आजमगढ़ तक प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया। दिनभर हर छोटे-बड़े अस्पतालों में सुरक्षा की जांच की गई। जहां, लापरवाही मिली उन्हें हाथो-हाथ नोटिस भी थमा दिया गया और व्यवस्था में सुधार नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दे गई है।
लखनऊ में फायर विभाग ने 80 अस्पतालों को नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि अस्पतालों में गाइडलाइन के मुताबिक, वहां सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं मिले।
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में करीब 906 अस्पतालों की जांच की गई जिसमें 301 अस्पतालों के पास ही फायर एनओसी मिला। कुछ अस्पतालों की जांच अभी की जानी है। झांसी की इस घटना के बाद पूरे राज्य के सरकारी अस्पतालों को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
सूत्रों का कहना है कि फायर सेफ्टी तो दूर की बात है कई अस्पतालों में तो सुरक्षा के एक भी उपकरण नहीं मिले हैं। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि आखिर किसी घटना के बाद ही प्रशासन क्यों जागता है? झांसी में हादसे के लिए भी लोग अस्पताल की व्यवस्थाओं को जिम्मेदार मान रहे हैं।
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