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Online Gaming Bill: ऑनलाइन गेम पर शिकंजा, पैसे से जुड़े गेमिंग एप नहीं कर पाएंगे डाउनलोड

Online Gaming Bill: Dream 11, My 11 Circle, Winzo, GamesKraft, 99Games, KheloFantasy, Rummy, Poker और पता नहीं कैसे-कैसे ये online games हैं जिनमें लोग विशेष रूप से बच्चे पैसा लगाते हैं। जिनका बिल्कुल सट्टेबाजी जैसा हिसाब-किताब रहता है।

नकेल क्यों कसने वाली है?

क्योंकि लोकसभा में सरकार ने एक विधेयक पास करा लिया है। विधेयक का नाम है – Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025. Bill को लोकसभा में प्रस्तुत किया केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने। निश्चित तौर पर Online Games विशेष तौर पर वो जिनमें पैसे लगते हैं वो बच्चों में addiction तो promote करते ही हैं। 10-10 रूपए, 50 रूपए, 100 रूपए लगाओ जो कि छोटे बच्चों तक को उपलब्ध होता है और हारते जाओ।

हम सब ने अपने आस-पास देखा होगा खासतौर पर तब जब IPL शुरू होता है तो इन online gaming apps का तांडव चरम पर होता है। बच्चा-बच्चा 50-100 रूपए लगाकर न केवल पैसे गंवाता है बल्कि समय बर्बाद करता है। वैसे भी पढ़ाई-लिखाई का स्तर पहले से ही कोई बहुत ऊंचा है नहीं। और यही वो समय भी होता है जब Board की परीक्षाएं हो रही होती हैं।

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अश्विनी वैष्णव ने इन ऐप्स के हानिकारक प्रभाव पर बात करते हुए एक खबर का भी ज़िक्र भी किया कि 31 दिन में 30 जानें गईं। सरकार सीधा-सीधा मूड में आ गई है कि बैन होंगे ये apps। और तो और आप ये अपना game of skill, game of chance का झांसा भी भूल जाइए। कुछ नहीं। सब पर बैन लगेगा एक सिरे से। बहुत celebrity, cricketers भी इन ऐप्स को promote करते थे। बेटा लगाओ पैसा अमीर बन जाओ, करोड़पति बन जाओ। ग़लत आदर्श हैं ऐसे cricketers, film stars।

यदि यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है, तो यह सभी money based online games (चाहे वे skill based हों या chance based), सबको अवैध घोषित कर देगा, ऐसे प्लेटफ़ॉर्म को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाएगा और बैंकों व वित्तीय संस्थानों को संबंधित लेन-देन की प्रक्रिया से रोकेगा। Draft के अनुसार, ऐसे खेल उपलब्ध कराने वाले किसी भी व्यक्ति को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

ड्रीम11, गेम्स24×7, विन्ज़ो, गेम्सक्राफ्ट, 99गेम्स, खेलोफैंटेसी और माय11सर्कल जैसी कंपनियाँ अब अस्तित्व के संकट का सामना कर रही हैं। भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाज़ार वर्तमान में 3.7 अरब डॉलर का है और अनुमान था कि 2029 तक यह बढ़कर 9.1 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा। लेकिन वर्तमान revenue का लगभग 86% real money based प्रारूपों से आता है। यदि इसे समाप्त कर दिया गया, तो उद्योग की आर्थिक जीवनरेखा रातों-रात ख़त्म हो जाएगी।

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इस इंडस्ट्री के दिग्गज तो अब Revenue और नौकरियों का रोना रो हैं। कह रहे हैं कि नौकरी चली जाएगी, GDP को नुक्सान होगा। सरकार कल को देसी कट्टा भी कानूनी तौर पर वैध कर दे क्योंकि नौकरी तो उससे भी generate हो रही है भले हिंसा बढ़े, उससे क्या मतलब?

वैसे इन ऐप्स को बैन करने का सरकार का फैसला भी अविश्वसनीय है क्योंकि इससे पहले सरकार खुद इनको regulate करके इन्हें tax वसूल रही थी। गेमिंग राजस्व पर 28% GST अक्टूबर 2023 से लागू हुआ, जिसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 से Net Winnings पर 30% कर लगाया गया। तो सरकार भी अब ये revenue छोड़ने को तैयार है। उनको पता है कि serious security threat हैं ये games। खुद अश्विनी वैष्णव ने कहा कि money laundering जैसे मामलों में भी इनका संबंध देखा जा सकता है।

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