देवरिया : आज दिनांक 12.11.2021 को किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 107 के अन्तर्गत गठित विशेष किशोर पुलिस इकाई व ए.एच.टी. की मासिक बैठक रिजर्व पुलिस लाईन के प्रेक्षा गृह में आहूत की गयी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिविल जज (सीनियर डिवीजन)/प्रभारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया न्यायाधीश शिवेन्द्र कुमार मिश्र रहें। सिविल जज (सीनियर डिवीजन)/प्रभारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया न्यायाधीश शिवेन्द्र कुमार मिश्र द्वारा बच्चों के सुरक्षा, शिक्षा एवं सहायता पर विशेष ध्यान देते हेतु निर्देशित किया गया।
मानव तस्करी रोकने हेतु उठाएं सख्त कदम
प्रत्येक माह में होने वाले जनपद में किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 107 के अन्तर्गत गठित विशेष किशोर पुलिस इकाई व ए.एच.टी. की मासिक बैठक में उन्होंने कहा कि विधि के उल्लंघन करते पाये जाने वाले बालकों और देखरेख तथा संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों से संबंधित विधि का समेकन और संशोधन करने के लिए बालकों के हितों के लिए सर्वोत्तम दृष्टिकोण अपनाते हुये समुचित देखरेख, संरक्षा, विकास, उपचार तथा समाज से पुनः मिलाने के माध्यम से उनको प्रोत्साहित किया जायें।
उन्होंने बालश्रम रोकने पर विशेष बल दिया, ऐसे बालक जिनकी उम्र 14 वर्ष से कम हैं और किसी होटल या कल-कारखाने में कार्य कर रहें तो उनको ऐसे करने से रोका जाये तथा नियमानुसार संबंधित के विरूद्ध उचित कार्यवाही किया जायें। बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन तथा भीड़-भाड़ वाले जगहों पर सहायता केन्द्र स्थापित किये जाये जिससे इस तरह के बच्चों की सहायता की जा सकें। न्यायाधीश ने बालकों की सुरक्षा एवं सहायता हेतु समाज को एक साथ आगे आने का आह्वान किया।
उनके द्वारा बताया गया कि आज मानव तस्करी एक व्यापार का भयावह रूप लेते जा रहें, बच्चों को अपहरण कर उससे भीख मॅगवाया जा रहा हैं तथा होटलों में कार्य करवाया जा रहा हैं जो बहुत ही निंदनीय हैं ऐसे घिनौने कार्यो के रोकथाम हेतु पुलिस विभाग को सख्ती से निपटने का निर्देश दिया, ऐसे घिनौने कार्य समाज को अपराध की ओर ले जाने का कार्य करता हैं।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे बालक जो लावारिस या अनाथ हैं उनकी सभी तरह की आवश्यकताओं की पूर्ति की जाये तथा उनके मूलभूत मानव अधिकारों की पूर्णतया संरक्षा की जाए। ऐसे बालक जो मानसिक रूप से बीमार या शारीरिक रूप से असुविधाग्रस्त हैं अथवा असाध्य रोग से पीड़ित हैं, जिसकी सहायता या देखभाल करने वाला कोई नहीं या जिसके माता-पिता या संरक्षक नहीं हैं ऐसे बालकों को उनकी देखभाल करने का पूरी व्यवस्था की जायें।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सोनकर, बाल संरक्षण अधिकारी जयप्रकाश तिवारी, वन स्टाप सेंटर मनोवैज्ञानिक मीनू जायसवाल, वन स्टाप सेटर केन्द्र प्रबंधक नीतू सिंह, सुनील सिंह तथा समस्त थानों के थानाध्यक्ष एवं पुरूष/महिला आरक्षी उपस्थित रहें।
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