- Himachal Pradesh में बादल फटने से तीन बच्चों समेत 13 की मौत, कई लापता
Himachal Pradesh News : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है। मंडी और चंबा समेत कई जिलों में हाहाकार मचा है। चंबा जिले में दंपती और उनके बेटे की मौत हो गई है, जबकि मंडी के सराज, गोहर और द्रंग में बादल फटने की घटनाओं नौ की मौत हो गई है। जबकि प्रदेश भर में 13 लोगों की मौत हो गई है।
वहीं, कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। तीनों एनएच मंडी पठानकोट, मंडी कुल्लू और मंडी जालंधर वाया धर्मपुर बंद हो गए हैं। उधर, कांगड़ा जिले में भारी बरसात होने के कारण रेलवे चक्की पुल रात को बह गया। दरारें आने के कारण डेढ़ हफ्ता पहले रेल सेवा बंद कर दी थी। भारी बारिश को देखते हुए कांगड़ा और कुल्लू में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। कांगड़ा जिले के भनाला की गोरडा (शाहपुर) में एक मकान गिर गया, जिसकी जद में आने से 12 साल के बच्चे की जान चली गई।
जानकारी के अनुसार निजी स्कूल में बस ड्राइवर नसीब सिंह के पुत्र आयुष (12) की घर के मलबे में दब गया है। इसके बाद गांववालों ने कड़ी मशक्कत से 12 वर्षीय आयुष को बाहर निकाला और शाहपुर अस्पताल पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
मंडी जिले के बागी में फटे बादल, दो बच्चों के शव मिले
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भरी बारिश ने कहर बरपाया है। जिले में मंडी-कटौला-पराशर मार्ग पर बाघी नाला में बादल फटने से आई बाढ़ ने कहर बरपाया है। यहां बाढ़ से एक पूरा परिवार लापता हो गया है। राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोगों ने दो बच्चों के शव बरामद कर लिए हैं, जबकि अन्य पांच लोग लापता हैं। बादल फटने के बाद दर्जनों परिवार अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर रात बिता चुके हैं। बागी नाले पर बना पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
वहीं, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के गृह नगर थुनाग बाजार में नालों की बाढ़ से दर्जनों दुकानों और वाहनों को नुकसान पहुंचा है। थुनाग बाजार में भी भारी तबाही हुई है। इसके साथ ही पुरानी कटौला गुज्जर बस्ती में बागी और घरों, गौशालाओं, घाटों, वाहनों और फसलों सहित कई वाहनों सहित लगभग सभी दुकानों को नुकसान पहुंचा है। सबसे बड़े हादसे में स्वर्गीय लाल हुसैन का पूरा परिवार संदोआ निवासी अस्तर मोहम्मद पुत्र पुराना कटौला बाढ़ से 5 लोग लापता हैं, जबकि घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक बच्ची का शव बरामद किया गया है।
पंकज कुमार, हिमांशु और पुराना कटौला के अन्य स्थानीय लोगों ने लापता परिवार के सदस्यों की तलाश जारी रखी, लेकिन विद्रोही घाटी में भारी बाढ़ के कारण तलाशी अभियान रोक दिया गया था। उधर, एसडीएम मंडी रितिका जिंदल ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मौके पर राहत और बचाव दल के साथ एनडीआरएफ भेजने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन मंडी से लेकर कटौला बागी तक कई जगहों पर रास्ता बंद है। उधर, बागी कटौला सहित मंडी जिले में रात भर हुई भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ है। बल्ह घाटी जलमग्न हो गई है और सुकेती खड्ड के उफान पर होने से भारी नुकसान की आशंका है। भूस्खलन के कारण जिले के तीनों राष्ट्रीय राजमार्ग और दर्जनों सड़कें बंद हैं।
लोग गांव छोड़ गए
कोटरोपी की घटना के डर से ऊपर के गांव सरजबगला और जागेहड़ के ग्रामीणों ने पूरी रात गांव के किसी सुरक्षित स्थान पर जाकर गुजार दी। गांव तक पहाड़ी में दरार आ गई है। जिससे ग्रामीण दहशत में हैं। वहीं दूसरी ओर पहाड़ी से विपरीत दिशा में हो रहे भूस्खलन से ऊपरी कोटरोपी गांव के ग्रामीण भी अब सहमे हुए हैं। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी के अनुसार, अब तक एक शव बरामद किया जा चुका है और पंद्रह से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। कुछ वाहन बह गए हैं। कई घर तबाह हो गए हैं।