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Bageshwar Dham: कौन हैं महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री? जानें बागेश्वर धाम का रहस्य

Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) स्थित है। बागेश्वर धाम मंदिर यह सालों पुराना है। महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार के नाम से सोशल मीडिया पर फेमस हैं। उनके चमत्कारी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र कृष्ण महाराज के भारत में लाखों की संख्या में प्रशंसक और भक्त हैं।

कौन हैं महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?

महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 1996 में छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में हुआ था। वे दो भाई और एक बहन हैं। भाई छोटा है, जिनका नाम सालिग राम गर्ग उर्फ सौरभ है। बहन का नाम रीता गर्ग है। पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज है। गौरतलब है कि माता सरोज महाराज को प्यार से घर में धीरू बुलाती हैं।

बागेश्वर धाम महाराज के बचपन की फोटो Dheerendra Krishna Shastri Ji Ki  Bachpan ki Photos

महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की शिक्षा

महाराज धीरेंद्र कृष्ण ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने आठवीं तक की शिक्षा, अपने गांव में ही ग्रहण की। जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए, उन्हें 5 किलोमीटर दूर गंज के स्कूल में जाना होता था। आर्थिक अभाव के कारण 5 किलोमीटर का सफर, प्रतिदिन पैदल ही तय किया करते थे। यहां से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए, उन्होंने कला संकाय से स्नातक में दाखिला लिया। लेकिन आर्थिक अभाव और धर्म में भक्ति और आस्था के कारण, उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी।

Dhirendra Krishna Shastri कौन हैं ? » Bageshwar Dham Live

महाराज धीरेंद्र अपने परिवार के सबसे बड़े लड़के हैं। जिस कारण परिवार का भरण-पोषण भी इन्हीं को करना होता था। जिसके चलते, यह लोगों के घर में जा-जाकर, दान-दक्षिणा मांगा करते थे। साथ ही कथा व पूजा करके, घर का भरण-पोषण करते थे।

धीरेंद्र गर्ग का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ था और उनके पिता गांव में पुरोहित गिरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। बंटवारा होने के बाद महाराज के परिवार पर आर्थिक संकट छा गया। वह लगातार गांव में लोगों के बीच बैठकर कथा सुनाने लगे और कथाओं में वह धीरे-धीरे इतने प्रखर होते गए कि उन्होंने साल 2009 में अपनी पहली भागवत कथा पास के ही गांव पहरा के खुडन में सुनाई।

श्री बाला जी महाराज के मंदिर के पीछे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा सेतुलाल गर्ग संन्यासी बाबा की समाधि भी है। इसी स्थान पर धीरेंद्र गर्ग ने कई बार भागवत कथा का आयोजन किया। अपने धार्मिक ज्ञान से लोगों को जोड़ना शुरू किया तो भक्त बढ़ने लगे। बागेश्वर का यह मंदिर बागेश्वर धाम कहलाने लगा। यहीं से शुरू हुआ धीरू के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहलाने का सफ़र।

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