महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने आज फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर हमला बोला है, देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के आरोपों का जवाब देते हुए नवाब मलिक (Nawab Malik) ने आज पलटवार करते हुए कहा CM रहते हुए देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने अंडर वर्ल्ड के लोगों को महामंडलों पर अध्यक्ष क्यों बनाया?
नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा कि कल हुए आरोपों पर कुछ अधिक जानकारी दूंगा। 2005 में मैं मंत्रिपद पर नही था। मुनीरा से संपत्ति लेने के बाद सलीम पटेल की पूर्व गृहमंत्री आर आर पाटिल के साथ तस्वीर वायरल हुई थी। सलीम पटेल मुनीरा का पावर ऑफ एटॉर्नी था। NCB में निर्दोष लोगों को फंसाने का और करोड़ों की उगाही के खिलाफ में जो लड़ाई लड़ रहा हूं उसको देवेंद्र फडणवीस ((Devendra Fadnavis)) डाइवर्ट कर रहे है।
दाउद के करीबी के साथ क्यों दिखते हैं फडणवीस
एनसीपी नेता ने आरोप लगाया के फडणवीस ने CM रहते हुए अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने वाले लोगों को ही राजनैतिक पद प्रदान किए। उन्होंने मुन्ना यादव नाम के एक व्यक्ति को कंस्ट्रक्शन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। जबकि, वह माफिया था, इस पर हत्या के कई मामले दर्ज थे। आरोप लगाया कि दाऊद के करीबी रियाज भाटी के जरिए सीएम फडणवीस (Devendra Fadnavis) धन उगाही का काम कर रहे थे। लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके वसूली की जाती थी। जमीन मालिकों को पकड़कर लाया जाता था और सारी जमीनें अपने नाम लिखा ली जाती थीं। उनके कार्यकाल में लोगों के पास विदेशों से गुंडों के फोन आते थे।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम तक पहुंच गया रियाज भाटी
मलिक ने कहा कि दाउद इब्राहिम का करीबी रियाज भाटी दो पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया था। जिस आदमी को दो पासपोर्ट के साथ पकड़ा जाए, उसे दो दिनों में ही जमानत मिल जाती है। वह भाजपा के कार्यक्रमों में दिखता था। सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की डिनर टेबल पर दिखता था। इतना ही नहीं फडणवीस के आशीर्वाद से ही रियाज भाटी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम तक पहुंच गया था।
समीर वानखेड़े के पास ही था जाली नोटों का मामला
नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा कि जब जाली नोट का मामला सामने आया तब समीर वानखेड़े ही इस मामले की जांच कर रहे थे। यह इत्तेफाक हो सकता है, लेकिन एक ही अधिकारी हर बार कैसे? इस मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समीर वानखेड़े, देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) का करीबी है। इसलिए उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है। डीआरआई ने मुंबई में जाली नोट के खिलाफ छापेमारी की थी। केस को हल्का करने के लिए समीर वानखेड़े के जरिए मदद की गई थी।
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