न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. राजेश कुमार के अनुसार ब्रेड डेड की स्थिति को ‘ब्रेन स्टेम डेथ’ या ‘ब्रेन डेथ’ भी कहा जाता है। ब्रेन स्टेम दिमाग का निचला हिस्सा होता है जो रीढ़ की हड्डी से जुड़ा होता है। ब्रेन स्टेम डेथ की स्थिति में मरीज के शरीर और उसकी आंखों की पुतलियों का मूवमेंट बंद हो जाता है। हालांकि हार्ट, लीवर और किडनी आदि काम करते हैं। ब्रेन डेड की स्थिति में मरीज को वेंटीलेटर के सपोर्ट की जरूरत पड़ती है क्योंकि वो सांस नहीं ले पाता।
ब्रेन डेथ क्यों होता है?
कई स्थितियां है जिनके कारण व्यक्ति की ब्रेन डेथ हो सकती है।
मस्तिष्क पर गंभीर चोट ( वाहन दुर्घटना के कारण सिर में गंभीर चोट, बंदूक की गोली का घाव, सिर के बल तेजी से गिरने से लगी चोट)
सेरेब्रोवास्कुलर इंजरी (स्ट्रोक या एन्यूरिज्म)
एनोक्सिया (दिल का दौरा पड़ना जिसके कारण मस्तिष्क में रक्त प्रवाह/ऑक्सीजन की कमी आ जाती है।)
मस्तिष्क का ट्यूमर।
डॉक्टर्स कहते हैं, ब्रेन डेथ आकस्मिक चोट या गंभीर बीमारी से हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण मस्तिष्क में होने वाले रक्तस्राव की स्थिति भी इसका कारण हो सकती है।
इन कारणों से हो सकता है ब्रेन डेड
ब्रेन में खून या ऑक्सीजन की सप्लाई न हो पाने से ब्रेन डेड होता है। इसके अलावा ब्रेन स्ट्रोक, ब्लड क्लॉट, सिर में लगी गंभीर चोट, ब्रेन हैमरेज, ब्रेन ट्यूमर, कार्डिएक अरेस्ट, दिल का दौरा पड़ना, इंसेफेलाइटिस जैसे संक्रमण भी इसकी वजह हो सकते हैं। डॉ. राजेश कुमार की मानें तो ब्रेन डेड होने की स्थिति में व्यक्ति के रिकवरी की संभावना लगभग पूरी तरह खत्म मानी जाती है। कोई चमत्कार ही व्यक्ति को बचा सकता है। भाग्यवश वो बच भी गया तो वो सामान्य जीवन नहीं जी सकता। उसे आर्टिफिशियल लाइफ सपोर्ट के साथ जिंदगी गुजारनी पड़ती है।
ब्रेन डेथ की स्थिति के क्या लक्षण होते हैं?
डॉक्टर्स बताते हैं कि वैसे तो किसी व्यक्ति को ब्रेन डेथ घोषित करने से पहले कई प्रकार के परीक्षणों के आधार पर पुष्टि की जाती है, पर कुछ स्थितियां और लक्षण ऐसे हैं जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यक्ति ब्रेन डेड हो चुका है।
पुलतियों का प्रकाश पर प्रतिक्रिया न देना।
दर्द होने पर कोई प्रतिक्रिया न दिखना ।
आंख की सतह को छूने पर आंखों का न झपकना (कॉर्नियल रिफ्लेक्स)।
कान में बर्फ का पानी डालने पर भी आंखों का न हिलना।
इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम परीक्षण में मस्तिष्क की कोई गतिविधि न दिखाना।
ब्रेन डेड की स्थिति में मरीज मृत माना जाता है
ब्रेन डेड की स्थिति में व्यक्ति का ब्रेन पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है। अगर एक परसेंट भी ब्रेन काम रहा होता है, तो उसे कोमा की स्थिति माना जाता है, ब्रेन डेड नहीं कहा जा सकता। ब्रेन डेड को कानूनी रूप से मृत माना जाता है। अगर किसी का ब्रेन डेड हो जाता है, तो उसका डेथ सर्टिफिकेट उसी तिथि का बनाया जाता है, जिसमें उसका ब्रेन डेड हुआ था। भले ही व्यक्ति की सांसे कुछ देर तक चलती रहें।