Ration Card Fraud: हरियाणा में घोटाला हुआ है। क्या घोटाला हुआ है? BPL और AAY कार्डों के बंटवारे में घपला किया गया है। 6 लाख 84 हज़ार परिवार संदेह के घेरे में है। आपको बता दूं हरियाणा देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है जहां औसतन प्रति व्यक्ति आय 3,25,759 रूपए है। ऐसे राज्य में लोगों में गरीब बनने की होड़ मची हुई है। क्यों? क्योंकि Below Poverty Line और Antyodaya Anna Yojana schemes में फायदा चाहिए। कुल मिलाकर सरकार से मुफ्त अनाज चाहिए। मुफ्तखोरी की लत लग गई है हमें।
Parivar Pehchan Patra (PPP) में गलत income details देकर पीछले 3 सालों में BPL कार्डधारकों और Antyodaya Anna Yojana कार्डधारकों की संख्या में बहुत तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। जिसके कारण करीब 6 लाख 84 हज़ार परिवार पर सरकार को संदेह है। PPP यानि परिवार पहचान पत्र 2019 में शुरू किया गया था जो एक अनूठी पारिवारिक पहचान प्रणाली है जिसे सरकारी योजनाओं, सेवाओं और लाभों की “paperless” और “faceless” रूप से डिलीवरी को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि सरकार ने इन घपलेबाज परिवारों की पहचान Crime Investigation Department के inputs और fair price shops से डेटा एकत्र करके किया। इससे पहले महीने की शुरुआत में ही सरकार ने कड़ी चेतावनी देते हुए सभी संदिग्ध परिवारों को text message भेजा था कि या तो वे परिवार पहचान पत्र में अपनी income details 20 अप्रैल तक सुधार लें अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
3 अप्रैल को जो message भेजा गया था वो इस प्रकार है, “विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में गलत आय विवरण या परिवार का कृत्रिम रूप से विभाजन किया गया है। कृपया 20 अप्रैल तक सही जानकारी दर्ज करें, अन्यथा अनुचित लाभों की वसूली सहित कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। पीपीपी विश्वास का आधार है, इसे ईमानदारी से मजबूत बनाए रखें: हरियाणा परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण।”
हरियाणा परिवार पहचान पत्र authority state coordinator सतिश खोला ने कहा कि सरकार उन सभी परिवारों को सुधार करने का एक मौका और दे रही है जिन्होंने गलत income details दी हैं या एक ही पते पर कई family Ids बना ली हैं जानबूझकर या गलती से।
सतीश खोला ने कहा, “मुख्यमंत्री नायब सैनी का लक्ष्य है कि नागरिकों के सहयोग से परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को एक त्रुटिहीन और सटीक दस्तावेज़ बनाया जाए, और यह कदम उसी दिशा में एक सौहार्दपूर्ण प्रयास है। ऐसे लोगों को अपनी आय विवरण को ठीक करने और एक से अधिक पारिवारिक पहचान पत्रों को विलय करने का अवसर दिया गया है। वे प्राधिकरण की वेबसाइट पर लॉग इन करके यह कार्य आसानी से कर सकते हैं, अन्यथा सरकार उचित कार्रवाई करेगी।”
हरियाणा में इस वर्ष अप्रैल तक 76,81,652 परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) बनाए जा चुके हैं, जिनमें 2,93,12,014 सदस्य शामिल हैं, जबकि 51,96,380 परिवार BPL और Antyodaya Anna Yojana राशन कार्ड धारक हैं। इसका मतलब है कि राज्य में 67.64% परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। फिर से कह रहा हूं कि हरियाणा देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है।
रोहतक के कांग्रेस विधायक भरत भूषण बत्रा ने राज्य के बजट विधानसभा सत्र में मामले को उठाया था। उन्होंने भाजपा सरकार पर पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए बिना उचित सत्यापन के बड़ी संख्या में बीपीएल और Antyodaya Anna Yojana राशन कार्ड जारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने राशन कार्ड जारी करने के लिए पीपीपी धारकों द्वारा की गई स्व-प्रमाणित आय पर भरोसा किया, जबकि पीपीपी अधिनियम में अनिवार्य physical verification का प्रावधान है, जिसे दरकिनार कर दिया गया।
अप्रैल 2022 से सितंबर 2024 के बीच कुल 37,62,893 बीपीएल कार्ड जारी किए गए, जिससे लाभार्थी परिवारों की संख्या 8,82,417 से बढ़कर 46,45,310 हो गई। इस अवधि के दौरान 54,705 नए Antyodaya Anna Yojana कार्ड भी जारी किए गए, जिससे कुल लाभार्थियों की संख्या 2,92,845 हो गई।
खोला ने कहा कि बीपीएल परिवारों की संख्या में दिख रही असमानता आंशिक रूप से हरियाणा सरकार द्वारा दिसंबर 2022 में बीपीएल परिवारों की अधिकतम आय सीमा ₹1.20 लाख से बढ़ाकर ₹1.80 लाख किए जाने और ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना के तहत प्रवासी परिवारों को पीपीपी जारी किए जाने के कारण हो सकती है।
उन्होंने कहा, “पीपीपी लागू होने के बाद हमने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से 9.6 लाख अपात्र परिवारों को हटाया, लेकिन आय सीमा बढ़ने के कारण 16 लाख नए बीपीएल परिवारों को जोड़ा गया। लगभग 5 लाख प्रवासी परिवारों को भी पीपीपी जारी किए गए।”
खोला ने बताया कि पीपीपी में प्रस्तुत आय विवरण स्व-प्रमाणित होते हैं और स्थानीय व सेक्टर समितियों द्वारा जांचे जाते हैं, लेकिन “त्रुटीयां पूरी तरह से नकारी नहीं जा सकतीं।” तो ये हाल है देश का जहां हमारा लक्ष्य ही यही है कि कैसे हम मुफ्त में अनाज पा लें सरकार से बेईमानी करके। फिर हम कहते हैं नेता भ्रष्ट हैं। विकास नहीं हो रहा। अरे नेता तो मस्त है आपको छोटे-छोटे झुनझुने पकड़ा कर। जब आप खुद पांच किलो आटा, गेहूं से आगे बढ़ना नहीं चाहते तो कोई क्यों आएगा आपसे किसी ऊंचे स्तर की बात करने? कर्मठता, गरिमा, कुछ कर दिखाने का जज़्बा भूला चुके हैं हम। पौरूषता खत्म हो गई है हमारी। नेता जी विश्वगुरु का सपना दिखाकर पांच किलो अनाज पकड़ा देते हैं और हम खुश। ये हालत है हमारी।
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