Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। इस संबंध में उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेटर भेजा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ने पार्टी पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर राष्ट्रीय महासचिव पद में भी भेदभाव है, तो ऐसे भेदभाव पूर्ण, महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से वो त्यागपत्र दे रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्या का पत्र
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि जबसे मैं सपा में शामिल हुआ, तब से लगातार पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम किया। मैंने आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को सावधान कर वापस लाने का प्रसास किया तो पार्टी के कुछ छुटभैया और कुछ बड़े नेताओं ने ‘मौर्य का निजी बयान है’ कहकर इस धार को कुंठित करने की कोशिश की। इसके बाद भी मैंने अन्यथा में नहीं लिया। मैंने ढोंग-ढकोसला, पांखड पर हमला किया तो यही लोग फिर इसी प्रकार की बात कहते नजर आए।
उन्होंने आगे कहा कि अगर राष्ट्रीय महासचिव पद में ही भेदभाव है तो ऐसे पद पर बने रहने का कोई औचित्व नहीं है, इसलिए मैंने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र देने का फैसला लिया है। साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव से त्यागपत्र स्वीकार करने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं पद के बिना भी पार्टी को सशक्त बनाने के लिए तत्पर रहूंगा। अखिलेश यादव और पार्टी की ओर से दिए गए सम्मान का बहुत-बहुत धन्यवाद।
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