HomeभारतTirupati Laddu Controversy: मिलावट के आरोप पर TTD का आया जवाब

Tirupati Laddu Controversy: मिलावट के आरोप पर TTD का आया जवाब

Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति लड्डू विवाद ने एक गंभीर राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, जिसे तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा संचालित किया जाता है, इस आरोप का सामना कर रहा है कि उनके प्रसाद में पशु वसा का उपयोग हुआ है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के दावों के बाद यह विवाद और भड़क गया, जबकि विपक्षी नेता वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने इसे “झूठी” अफवाह करार दिया।

केंद्र सरकार ने तेलंगाना सरकार से मांगी रिपोर्ट

तिरुपति लड्डू विवाद बढ़ने पर केंद्र सरकार ने भी मामले में दखल दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश सरकार से इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इस मामले में जांच की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा (Health Minister JP Nadda) ने तेलंगाना सरकार से जल्द इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

TTD ने बताया मिलावट के लिए कौन जिम्मेदार

TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने तिरुपति में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लैब परीक्षणों से घी में एनिमल फैल और अन्य अशुद्धियों की पुष्टि हुई है। (Animal Fat in Tirupati Laddus) जे श्यामला राव ने बताया कि बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में है। राव ने यह भी बताया कि इस समस्या का एक बड़ा कारण मंदिर में इन-हाउस परीक्षण सुविधा की कमी है।

अमूल ने दी सफाई

अमूल ने सोशल मीडिया पर फैल रही उन अफवाहों का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा था कि उन्होंने तिरुमला मंदिर को घी की आपूर्ति की थी। (Amul Ghee) अमूल ने साफ तौर पर कहा है कि कंपनी ने कभी भी TTD को घी सप्लाई नहीं किया है। अमूल ने कहा है कि हमारी घी की गुणवत्ता की जांच अत्याधुनिक सुविधाओं में की जाती है। अमूल ने कहा है कि हमारी घी सिर्फ हाई क्वालिटी मिल्क फैट से ही तैयार की जाती है।

नंदिनी ब्रांड घी की आपूर्ति क्यों रोकी गई?

2023 में कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) ने तिरुपति देवस्थानम को घी की आपूर्ति रोक दी थी। (Nandini Ghee) KMF ने बताया कि उन्होंने घी ₹400 प्रति किलोग्राम बेचा, जबकि अन्य कंपनियों ने इससे कम कीमत पर घी की आपूर्ति की। KMF ने गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं करने का फैसला किया और इस कारण से निविदा से बाहर हो गए। हालांकि, मुख्यमंत्री नायडू के निर्देश पर हाल ही में नंदिनी घी की आपूर्ति फिर से शुरू हुई।

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