Diwali 2024: दिवाली की धूम और रोशनी में पूरा देश जगमगा रहा है। गली-कूचे दीयों से जगमगा रही हैं। लेकिन प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या की दिवाली की बात ही कुछ और है। क्योंकि राम मंदिर बनने और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली दिवाली है। ऐसे में अयोध्या दुल्हन की तरह सज चुकी है । चप्पा-चप्पा जगमगा रहा है।
बुधवार को राम मंदिर और सरयू तट पर दीपोत्सव मनाया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहला दीया जलाकर इसकी शुरुआत की, सरयू नदी के 55 घाटों पर 25 लाख से ज्यादा दीये जलाए गए। कुल 28 लाख दीयों का इंतजाम किया गया था। ताकि दीपोत्सव के लिए दीयों की कमी न हो जाए।
रामनगरी में बने दो Guiness World Record
रामनगरी अयोध्या ने भव्य ‘दीपोत्सव 2024’ के दौरान इतिहास रचते हुए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बना दिए। जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के साथ मिलकर सरयू नदी के तटों पर 28 लाख दीयों को प्रज्वलित किया, जो कि तेल के दीयों की दुनिया की सबसे बड़ी प्रदर्शनी का रिकॉर्ड बन गया। इसके अलावा, एक और कीर्तिमान तब स्थापित हुआ जब सबसे अधिक लोगों ने एक साथ ‘दीया’ घुमाने का प्रदर्शन किया।
कब हुई थी दीपोत्सव की शुरुआत
साल 2017 से इस महोत्सव की शुरुआत के बाद से, यह आयोजन स्थानीय उत्सव से बढ़कर एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव बन गया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय रामलीला मंडलियों द्वारा प्रस्तुतियाँ, ड्रोन शो, और मल्टीमीडिया प्रोजेक्शन शामिल होते हैं, जो धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक विविधता का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं।
दिवाली का महत्व
अयोध्या दीपोत्सव के दौरान, अयोध्या शहर को दीपों से सजाया जाता है, और भगवान राम की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों में दीये जलाते हैं, और भगवान राम की आराधना करते हैं।
इस त्योहार का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह भगवान राम के अयोध्या में वापस आने की याद दिलाता है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन अयोध्या में इसका विशेष महत्व है।
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