पीएम नरेंद्र मोदी ने कानपुर को मेट्रो की सौगात देने के बाद जनसभा को संबोधित करने के बाद जनसभा स्थल से सड़क मार्ग से चकेरी पहुंचे। खराब मौसम होने की वजह से वे सड़क मार्ग से लखनऊ स्थित अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके पश्चात वे दिल्ली रवाना हो जाएंग।
मेट्रो रेल परियोजना की पूरी लंबाई 32 किलोमीटर
कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना की पूरी लंबाई 32 किलोमीटर है और इसे 11,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया जा रहा है। 356 किलोमीटर लंबी बीना-पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना की क्षमता लगभग 34.5 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। मध्य प्रदेश की बीना रिफाइनरी से लेकर कानपुर के पनकी तक फैली इस परियोजना को 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। यह क्षेत्र में बीना रिफाइनरी से पेट्रोलियम उत्पादों को पहुंचाने में मदद करेगी।
शहर की मेट्रो की ट्रेनें रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से लैस होंगी, जिससे ट्रेन संचालन में 35 फीसदी तक ऊर्जा की बचत होगी। रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली की मदद से मेट्रो ट्रेन की ब्रेकिंग प्रक्रिया के जरिए ऊर्जा का उत्पादन करती है। उसे वापस सिस्टम में भेज देती है। इसके जरिए कानपुर की मेट्रो ट्रेने न सिर्फ ऊर्जा की बचत करेंगी, बल्कि इसका उत्पादन भी करेंगी।
इसके अलावा स्टेशनों और डिपो पर लगे लिफ्ट भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से ऊर्जा बचाने में सक्षम होंगे। इनमें 34% तक की ऊर्जा दक्षता होगी। ऊर्जा की बचत के लिए सभी मेट्रो परिसरों में 100% एलईडी लाइटिंग होगी। इसके अलावा मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने की भी योजना तैयार की गई है। कानपुर मेट्रो को खूबसूरती से डिजाइन किया गया है और इसे OHI (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) के बजाय तीसरी रेल द्वारा संचालित किया जाएगा।
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