कानपुर : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में सैकड़ों करोड़ के कालेधन के मामले में गिरफ्तार पीयूष जैन (Piyush Jain) अब कोर्ट पहुंच गया है। उसने कोर्ट में गुहार लगाई है कि टैक्स चोरी और पेनाल्टी समेत 52 करोड़ रुपये का टैक्स लगाया जाए और उसके बाद बचा हुआ पैसा उसे वापस किया जाए। जैन का कहना है कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) को 52 करोड़ रुपये काटकर मुझे बाकी रकम लौटानी चाहिए। वहीं पीयूष जैन कानपुर जेल में 14 दिन से न्यायिक हिरासत में बंद है और जीएसटी की टीम उससे पूछताछ कर रही है।
डीजीजीआई के वकील अंबरीश टंडन ने बुधवार 29 दिसंबर को बताया कि पीयूष जैन के घर से जो रकम बरामद हुई है, वो टैक्स चोरी की रकम है। बरामद रकम को 42 बॉक्स में रखकर बैंक में जमा किया गया है। वकील अंबरीश टंडन की मानें तो कानपुर में 177 करोड़ 45 लाख रुपएबरामद किया गया है जिसे दो बार में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कराया गया है। पहली बार 25 बक्सों में 109 करोड़ 34 लाख 74 हजार 240 रुपए। जबकि दूसरी बार में 17 बक्सों में 68 करोड़ 10 लाख 27 हजार की रकम बैंक भेजी गई है।
टैक्स चोरी के जरिए जमा की इतनी रकम
पीयूष जैन के अरेस्ट मेमो के मुताबिक, पीयूष जैन की तीनों कंपनियों में 2021 में केवल 21 करोड़ का लेनदेन दिखाया गया है। वकील अंबरीश टंडन की मानें तो पीयूष ने अपने दिए बयान में ये बात स्वीकार की है कि तीनों कंपनियों के जरिए 4 सालों में 177.45 करोड़ का गुप्त रूप से पान मसाल कम्पाउंड बेचा था। उसने माल किससे खरीदा, किसको बेचा, इसका खुलासा नहीं किया है। जिससे साबित होता है कि हर साल इन्होंने 45 करोड़ का सामान बिना जीएसटी बेच दिया। इस तरह इन्होंने पिछले 4 सालों में करीब 31.50 करोड़ की चोरी की।
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