Mau News: माफिया मुख्तार अंसारी को कोर्ट ले जाने वाले फर्जी एंबुलेंस मामले में फंसी मऊ की अस्पताल संचालिका डा. अलका राय की मुश्किलें अभी भी कम नहीं हो रही हैं। सोमवार को जिलाधिकारी के आदेश पर बाराबंकी से पहुंची पुलिस ने उसके अस्पताल सहित 2.67 करोड़ रुपये की संपत्ति काे कुर्क कर दिया।
इस दौरान एसडीएम सदर हेमंत चौधरी, सीओ सिटी धनंजय मिश्रा व कोतवाल संजय त्रिपाठी टीम के साथ अस्पताल पर आवश्यक सूचना व कुर्क को बोर्ड लगा दिए। इसके बाद बाराबंकी पुलिस रवाना हो गई। इसे लेकर एक दिन पहले से ही उनके अस्पताल को सील करने की चर्चा शुरू हो गई थी। देर रात टीम यहां पहुंच चुकी थी।
मऊ में श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर है। इसकी संचालिका डा. अलका राय और उनके भाई डा. शेषनाथ राय हैं। अब इन पर गैंगस्टर का केस दर्ज है। इससे पहले इनके खिलाफ दो अप्रैल 2021 को पहला मुकदमा जालसाजी का लिखा गया था। करीब तीन माह बाद सभी आरोपियों के खिलाफ चार जुलाई 2021 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। दोनों भाई-बहन आठ महीने तक जेल में रहे थे। उसके बाद जमानत पर बाहर निकले थे।
ढाई माह बाद फिर 28 मार्च 2022 को पुलिस उन्हें व उनके भाई को हिरासत में लेकर बाराबंकी चली गई थी। फिर यह लोग जमानत पर छूटकर आए थे। अलका राय व शेषनाथ दोनों अस्पताल के कार्यों में व्यस्त थे। इस बीच अचानक सोमवार को दोपहर पहुंची बाराबंकी पुलिस ने उनके अस्पताल को कुर्क कर दिया। यही नहीं स्टेट बैंक आफ इंडिया शाखा मऊनाथ भंजन में जमा रुपये एक लाख 63 हजार 948 रुपये भी कुर्क किया गया है। इसे लेकर दिनभर प्रशासनिक महकमें में गहमा-गहमी रही।
गौरतलब है कि पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी को कोर्ट से लाने और ले जाने के लिए बाराबंकी जिले के नंबर की एक एंबुलेंस चर्चा में आ गई थी। जांच में पता चला कि मऊ जिले की श्याम संजीवनी हॉस्पिटल को संचालित करने वाली डॉक्टर अलका राय की एंबुलेंस है। इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत आधा दर्जन से ऊपर लोग जेल गए थे। जिसमें सभी पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई है। फिलहाल डॉक्टर अलका राय और उनके साथी डॉक्टर एसएन राय जमानत पर हैं।