प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी आ रहे हैं। दक्षिण और पश्चिमी भारत से आने वाले लोग काशी के बाद अयोध्या भी जाना चाहते हैं। इन्हीं लोगों को राहत देने के लिए लगातार काशी और अयोध्या का सफर आसान बनाया जा रहा है।
काशी से अयोध्या के बीच अगले साल तक दो रेल लाइनें हो जाएंगी। जौनपुर से अयोध्या होते बाराबंकी के रास्ते लखनऊ तक दोहरीकरण और विद्युतीकरण कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। कुल 295 किलोमीटर में 40 किलोमीटर तक दो लाइनों का काम पूरा हो चुका है। शेष बचे सिंगल लाइन के दोहरीकरण का काम चल रहा है। माना जा रहा है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने के बाद पूर्वांचल से बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन वहां होगा। तब तक रेल रूट से आवागमन आसान हो जाएगा। दो लाइनें होने के बाद इस रूट पर ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी। वाराणसी से अयोध्या के लिए विशेष अनारक्षित ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भी लखनऊ मंडल स्तर से है।
जौनपुर सिटी से बाराबंकी के बीच चल रहा काम
वर्तमान में वाराणसी कैंट से जाफराबाद तक ही दो लाइनें हैं। इसके बाद अयोध्या होते बाराबंकी तक सिंगल लाइन है। बाराबंकी से लखनऊ तक दो लाइनें हैं। वाराणसी-अयोध्या-लखनऊ रूट पर दोहरीकरण के लिए जौनपुर सिटी से बाराबंकी तक 295 किमी तक काम चल रहा है। एपीआरओ विक्रम सिंह ने बताया कि दिसंबर 2023 तक काम पूरा हो जाएगा।
जौनपुर सिटी से बाराबंकी तक दो लाइनें होने के बाद भी कैंट तक छह किमी तक सिंगल लाइन रहेगी। जाफराबाद से जौनपुर सिटी के बीच छह किमी की दूरी है। इस पर गोमती नदी पर बने पुल पर सिंगल लाइन है। अब इस नदी पर भी रेल पुल के लिए उत्तर रेलवे ने प्रस्ताव तैयार किया है। जौनपुर सिटी से बाराबंकी तक दोहरीकरण कार्य के बाद इस पुल पर काम होगा।