लखनऊ: वी यंगस्टर्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित पैगाम जिंदगी का 2024 के सेमीफाइनल राउंड की शुरुवात हो गई है। जिसके पहले दिन 18 नवंबर को टेंडर हर्ट स्कूल में सिटी लॉ कॉलेज ने परफॉर्म किया। तो वहीं, इस प्रतियोगिता के दूसरे दिन 19 नवंबर को ब्राइट लैंड स्कूल में हमने देखा कि कैसे आईटी कॉलेज के बच्चों ने अपने नुक्कड़ नाटक से ये संदेश देने की कोशिश की कि जिंदगी में जिंदगी से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं है।
वी यंगस्टर्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित पैगाम जिंदगी का 2024 में सिटी लॉ कॉलेज, फिल्म इंस्टीट्यूट ऑफ इमेट्स, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंस, गोयल इंस्टीट्यूट, आईटी कॉलेज, जी.सी.आर.जी, एल.पी.सी.पी.एस, लाल बहादुर शास्त्री गर्ल्स कॉलेज, बीबीडी, एलयू एवं अन्य विश्वविद्यालय ने प्री राउंड में हिस्सा लिया। जिसमें 400 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। जिसमें से प्री राउंड से सलेक्टड 10 टीमों को शहर के प्रसिद्ध बॉलीवुड कलाकार वरुण टमटा और आनंद असवाल ने चार दिनों तक वर्कशॉप के जरिए बच्चों को निखारा। जिसके बाद 18 नवंबर से सेमी फाइनल राउंड में सभी 10 टीमें 10 अलग-अलग स्कूलों में अपनी परफॉर्मेंस देना शुरू कर चुकी हैं और वहां से इनमें से कोई तीन टीम फाइनल राउंड के लिए चुनी जाएगी।
बता दें, उन सभी 10 टीमों में से कौन सी टीम फाउनल राउंड में भाग लेंगी इसका रिजल्ट फाइनल राउंड 30 नवंबर 2024 को घोषित किया जाएगा। वहीं सेमी फाइनल राउंड के दौरान निर्णायक की भूमिका में डॉ. योगेंद्र कुमार सिंह(प्रोफेसर हिंदी विभाग), सुरेश लेहरी(थिएटर कलाकार), अच्युत अवस्थी(पब्लिक हेल्थ कंसलटेंट), देवांश विक्रम सिंह( अधिवक्ता, हाई कोर्ट) मौजूद रहें।
लोगों को जागरूक करने का संदेश
“पैगाम 2024” जिसका थीम इस वर्ष “जिंदगी में जिंदगी से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं है”। इस थीम के जरिए युवाओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से देश में हर साल 4.21%(60 लाख) से अधिक आत्महत्या को रोकने और उनके कारणों पर प्रकाश डालने और लोगों को जागरूक करने का संदेश दे रहे हैं।
30 नवंबर को लोहिया पार्क में फाइनल राउंड
बता दें, 30 नवंबर एमफी थिएटर, लोहिया पार्क में पैगाम 2024 का फाइनल राउंड आयोजित होगा। जिस दिन नुक्कड़ नाटक के लिए एक विशेष प्रस्तुति का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें दृष्टिहीन बच्चे और 1090 वूमेन पावर लाइन अपने नाटक के माध्यम से जीवन की अहमियत का संदेश देंगे। यह प्रस्तुति दर्शकों को यह एहसास कराएगी कि जीवन में चुनौतियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें हर हाल में जीने की प्रेरणा लेनी चाहिए। दृष्टिहीन बच्चों और एसिड अटैक सर्वाइवर्स की ये प्रस्तुतियाँ हर किसी के लिए एक प्रेरणा हैं कि चाहे जीवन में कितनी भी मुश्किलें आएँ, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।
साथ ही आपको बता दें कि वी यंगस्टर्स फाउंडेशन पिछले 10 सालों से युवाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करता आ रहा है जिसमें लखनऊ के सभी विश्विद्यालयों व शैक्षिक संस्थानों के युवा भाग लेते हैं और तरह-तरह के सामाजिक विषयों से जुड़े नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुति देते हैं।
इस प्रतियोगिता में सेमी फाइनल राउंड के दौरान निर्णायक की भूमिका में डॉ. योगेंद्र कुमार सिंह(प्रोफेसर हिंदी विभाग), सुरेश लेहरी(थिएटर कलाकार), अच्युत अवस्थी(पब्लिक हेल्थ कंसलटेंट), देवांश विक्रम सिंह( अधिवक्ता, हाई कोर्ट) मौजूद रहें।
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