Delhi-NCR Air Pollution: ठंड की आहट के साथ ही दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया है। राजधानी के आसपास पराली जलाने की वजह से लगातार हवा का स्तर खराब होता जा रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के बढ़ने के कारण राजधानी में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। इसकी वजह से पूरा शहर धुंध की चादर से ढकने लगा है। ऐसे में हवा के खराब स्तर का बुरा प्रभाव सेहत पर भी देखने को मिलता है। खासकर वायु प्रदूषण की वजह से लंग्स का बुरा हाल हो रहा है।
दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं ?
राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए आतिशी सरकार ने एक और ठोस कदम उठाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को घोषणा की कि दिल्ली सरकार ड्रोन के माध्यम से दिल्ली भर में हॉटस्पॉट की निगरानी करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिन-रात काम कर रही है। गोपाल राय ने शुक्रवार को वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया। यह क्षेत्र शहर के 13 हॉटस्पॉट में से एक है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनमें वाहनों के लिए ऑड-इवन नियम, उद्योगों के लिए स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा, और हरित क्षेत्रों का विस्तार शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई परियोजनाएं भी शुरू की हैं।
वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव निम्नलिखित हैं:
श्वसन समस्याएं: वायु प्रदूषण श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और श्वसन संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
हृदय रोग: वायु प्रदूषण हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय गति रुक सकती है, दिल का दौरा पड़ सकता है और उच्च रक्तचाप हो सकता है।
कैंसर: कुछ वायु प्रदूषक कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं, जैसे कि फेफड़ों का कैंसर।
नेत्र और त्वचा समस्याएं: वायु प्रदूषण नेत्रों और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे आंखों में जलन, त्वचा में जलन और एलर्जी हो सकती है।
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