उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 29 दिन बाद एक हैरान करने वाला आंकड़ा सामने आया है। इससे साफ हो रहा है कि इस बार की लड़ाई कितनी कठिन थी?
यूपी चुनाव में जीत हासिल करने वाले ज्यादातर प्रत्याशियों को इस बार खूब मेहनत करनी पड़ी। आंकड़े इसी ओर इशारा कर रहे हैं। नेताओं का लेखा-जोखा तैयार करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने इसके लिए एक रिपोर्ट जारी की है। इससे मालूम चला है कि 2017 के मुकाबले इस बार चार प्रतिशत अधिक वोट पाने के बाद ही ज्यादातर प्रत्याशियों की जीत हुई।
क्या है रिपोर्ट में?
- 2017 में 43% वोट पाने वाले भी चुनाव जीत गए थे, इस बार जीतने वाले ज्यादातर प्रत्याशियों ने 47% वोट हासिल की।
- 111 प्रत्याशी 50% या इससे अधिक वोट हासिल करके जीते।
- 292 प्रत्याशी 50% या इससे कम वोट हासिल करके जीते।
इन तीन प्रत्याशियों को सबसे ज्यादा वोट मिला
1. पंकज सिंह : भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर नोएडा से चुनाव लड़े पंकज सिंह ने सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल की। नोएडा विधनसभा सीट पर 3.48 लाख लोगों ने वोट डाला। इसमें 2.44 लाख वोट पंकज के पक्ष में पड़े। पंकज को कुल वोट का 76.16% हिस्सा मिला।
2. सुनील कुमार शर्मा : भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गाजियाबाद की साहिबाबाद सीट से चुनाव लड़ने वाले सुनील कुमार शर्मा दूसरे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने ज्यादा अंतर से जीत हासिल की। साहिबाबाद सीट पर कुल 4.81 लाख लोगों ने वोट डाला, इसमें 3.22 लाख वोट केवल सुनील शर्मा को ही मिले।
3. अमित अग्रवाल : मेरठ कैंट से भाजपा के अमित अग्रवाल सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले तीसरे विधायक हैं। इस सीट पर कुल 2.44 लाख लोगों ने वोट डाला। इसमें 1.62 लाख वोट अमित के पक्ष में पड़े।
कम वोट के बावजूद जीत गए
चुनाव जीतने वाले तीन विधायकों को बहुत कम वोट मिले हैं। इसमें काल्पी से सपा विधायक विनोद चतुर्वेदी, खलालाबाद से भाजपा के अंकुर तिवारी, सरेनी से सपा विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं। विनोद ने महज 29.48% वोट पाकर भी जीत हासिल की है। इसके अलावा अंकुर तिवारी को 30.36% और देवेंद्र प्रताप सिंह को 30.53% वोट मिले।
चुनाव की ये आंकड़े भी खास
- आपराधिक छवि वाले 51 उम्मीदवार 50% से ज्यादा वोट हासिल करके चुनाव जीते।
- 103 करोड़पति उम्मीदवार 50% से ज्यादा वोट हासिल करके चुनाव जीते।
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