Kerala Drug Cases: हाल ही में एक लड़के ने अपनी मां की हत्या कर दी उस पर अपने अस्तित्वगत होने का आरोप लगाते हुए यानि पैदा करने का आरोप। साथ ही भाई-बहनों का यौन उत्पीड़न भी किया। लड़का केरला राज्य से है और Drug Addict है। राज्य का नाम लेना इसलिए महत्वपूर्ण हो गया क्योंकि पिछले कुछ सालों से केरला में Drug Abuse के Cases बहुत बढ़ गए हैं और उनसे सम्बन्धित हिंसा के मामले भी। Memes बन रहे हैं उड़ता पंजाब नहीं उड़ता केरला के।
वास्तव में ऐसा हुआ भी है। आंकड़े बताते हैं। 2024 में Narcotic Drugs and Psychotropic Substances (NDPS) Act, 1985 के अंतर्गत केरला में 24,517 cases register किए गए। वहीं पंजाब में 9,734 cases register हुए। लोगों का मानना है कि केरला इस वक्त drug epidemic की चपेट में हैं जो घरों और स्कूलों की दीवार को तोड़ चुका है।
Kerala High Court के न्यायमूर्ति वी.जी. अरुण ने हाल ही में कहा, “हम ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं जहां राज्य विधानसभा को अपने नियमित कार्यों को निलंबित करके इस सामाजिक संकट पर विचार करना पड़ा। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सत्र निलंबित किया गया क्योंकि यह अब स्कूलों तक पहुंच चुका है। यही वास्तविकता है जिसका हमें सामना करना होगा। हम इसे टालते आ रहे थे यह कहकर कि केरल में ऐसा नहीं हो रहा है।
न्यायमूर्ति अरुण ने आगे कहा कि केरल में 2021 से 2024 के बीच मादक पदार्थों से जुड़े मामलों में 330 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, गांजे से सिंथेटिक ड्रग्स की ओर महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है। ये विषय मात्र केरला में ही नहीं बल्कि संसद में चर्चा का विषय बन चुका है।
केरला में नशे की स्थिति कितनी भयावह है वो आप इस बात से समझ सकते हैं कि नशे के आदी लोगों में डॉक्टर से लेकर स्कूली बच्चे तक शामिल हैं, और शैक्षणिक संस्थान नशे के अड्डों के रूप में उभर रहे हैं। अब नशीले पदार्थ candies और icecream के रूप में भी उपलब्ध हैं। यानि अब आपका बच्चा वास्तव में कोई candy या icecream खा रहा है या नशा कर रहा कहना मुश्किल है। इस वक्त केरल में ड्रग टेस्ट किट की बिक्री तेजी से बढ़ गई है।
अब किसी ड्रग विक्रेता को खोजना मुश्किल नहीं रह गया है। केरल के विपक्ष के नेता ने बताया कि ऑर्डर देने के 15 मिनट के भीतर पसंद की दवा (ड्रग्स) प्राप्त की जा सकती है। तेजी से डिलीवरी के लिए गिरोह सुपरबाइकों का उपयोग कर रहे हैं। ज्यादातर लेन-देन बिना किसी आमने-सामने की बातचीत के होते हैं और इसमें डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी का भी उपयोग किया जाता है। ऑफलाइन, पुलिस ने केरल में लगभग 1,300 ड्रग तस्करी के ब्लैकस्पॉट्स की पहचान की है।
Kerala में इतनी Drugs आ कहां से रही है?
जवाब है Bengaluru, Chennai और केरला की 590 किलोमीटर लम्बा समुद्र तट। इसके अलावा Dark webऔर courier सेवाओं के जरिए, Cryptocurrency का उपयोग करके Germany, France और Thailand सहित अन्य देशों से drugs खरीदी जा रही हैं, जिससे पहले से ही जटिल गुमनाम लेन-देन की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
कुल मिलाकर स्पष्ट है कि केरला एक drug crisis में है। 2025 के पहले महीने में केरल में लगभग 2,000 एनडीपीएस (NDPS) मामले दर्ज किए गए। 2024 में कुल 24,517 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2023 में यह संख्या 30,697 थी। पिछले चार वर्षों में, राज्य में 87,101 नशीले पदार्थों से जुड़े मामले दर्ज किए गए, जिनमें 93,599 गिरफ्तारियां हुईं।
इसके विपरीत, इससे पहले के चार वर्षों में 37,228 मामले और 41,378 गिरफ्तारियां हुई थीं। यह जानकारी मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों में दी। हालांकि, विजयन का तर्क है कि मामलों की बढ़ती संख्या केरल की प्रभावी कार्रवाई और मजबूत मादक पदार्थ-विरोधी उपायों का प्रमाण है।
नशा ऐसी बिमारी जो एक व्यक्ति को राष्ट्र को भीतर ही भीतर खोखला कर देती है। अंग्रेजों को चीनियों पर अधिकार जमाना था तो उन्हें अफीम का नशा चटाया था। भारत के अलग-अलग राज्यों में बढ़ते नशे के मामले और इनको बढ़ावा देने वाला सामाजिक और फिल्मी culture चिंता का विषय है। इस पूरे मुद्दे पर आपकी क्या राय है कमेंट करके अवश्य बताएं।
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