महाकुंभ: केरल अब उत्तर भारत की तरह अपना पहला ‘कुंभ मेला’ आयोजित करने जा रहा है। यह आयोजन 18 जनवरी से 3 फरवरी 2026 तक चलेगा। जगह तय हो चुकी है, मलप्पुरम जिले में भरतपुझा नदी के किनारे, तिरुनवाया नव मुकुंद मंदिर के सामने।
कुम्भ मेला का आयोजन 18 जनवरी से 3 फरवरी 2026 तक
केरल में आयोजित होने वाला कुम्भ मेला 18 जनवरी से 3 फरवरी 2026 तक होगा और यह मलप्पुरम जिले के थिरुनावया नवा मुकुंदा मंदिर के पास स्थित भारतपुजाह नदी के किनारे आयोजित किया जाएगा। यह स्थान पहले से ही पारंपरिक मामनकम महोत्सव के लिए प्रसिद्ध है, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। इस बार मामनकम महोत्सव को कुम्भ मेला के रूप में आयोजित किया जाएगा, जिसमें कुम्भ के जैसे सभी धार्मिक रिवाज और अनुष्ठान होंगे, जैसे पवित्र स्नान (पुण्यस्नान) और अन्य धार्मिक अनुष्ठान।
जूना अखाड़ा करेगा आयोजन की जिम्मेदारी
इस कुम्भ मेले का आयोजन देश के एक प्रमुख धार्मिक संगठन जूना अखाड़ा के नेतृत्व में होगा। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी आनंदवनम भारती ने कहा कि केरल की धार्मिक और सामाजिक परंपराएं मजबूत हैं और यहां के लोग कुम्भ मेला जैसे धार्मिक उत्सवों के प्रति लंबे समय से उत्साहित रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
स्वामी आनंदवनम भारती का यह कहना है कि इस बार के आयोजन में कुम्भ मेला के सारे अनुष्ठान और रिवाज पूरे श्रद्धा भाव से किए जाएंगे। वे पहले भी छात्र संघ (SFI) से जुड़े रहे हैं, और माना जा रहा है कि उन्हीं की पहल पर यह प्रस्ताव केरल सरकार के सामने रखा गया।
हालांकि केरल में इस तरह के बड़े धार्मिक आयोजनों की कोई लंबी परंपरा नहीं रही है, लेकिन पिनाराई विजयन सरकार ने हाल के वर्षों में धार्मिक गतिविधियों की तरफ ध्यान दिया है। हाल ही में, केरल में सबरीमाला मंदिर के पास अयप्पन महासम्मेलन आयोजित किया गया था, जो एक और उदाहरण है कि राज्य सरकार धार्मिक आयोजनों में अपनी सक्रिय भागीदारी बढ़ा रही है।
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