Jewar Airport Connectivity: उत्तर प्रदेश में परिवहन और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया गया है। जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक लिंक रूट का प्रस्ताव रखा गया था। इस प्रोजेक्ट पर काम करते हुए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) प्रोजेक्ट के बारे में विचार कर रही है। इस लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 83.10 किमी होगी और इसके निर्माण के काम में लगभग 4,000 करोड़ रुपये लागत लग सकती है। आइए इस प्रोजेक्ट के बारे में जानते हैं।
57 गांवों का अधिग्रहण
इस लिंक एक्सप्रेसवे वे के लिए 57 गांवों में 997 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। लिंक एक्सप्रेसवे का मेन इंटरचेंज बुलंदशहर में बनाया जाएगा, जो इस प्रोजेक्ट का मेन केंद्र होगा। UPEIDA ने जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए किए गए रिसर्च को हाल ही में राज्य सरकार के सामने पेश किया। रिसर्च में बताया गया कि जेवर एयरपोर्ट और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स को जोड़ना एक सही विकल्प होगा।
कनेक्टिविटी में सुधार
165 किमी लंबा यमुना एक्सप्रेसवे जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचने का मेन मार्ग होगा। लेकिन इसे 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने से यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। बता दें कि यह मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर और अमरोहा के निवासियों के लिए दोनों दिशाओं में आवागमन आसान बना देगा। इसके अलावा, यह लिंक एक्सप्रेसवे उन यात्रियों के लिए भी एक माध्यमिक मार्ग के रूप में काम करेगा, जो यमुना एक्सप्रेसवे का उपयोग कर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और एनसीआर के अन्य क्षेत्रों तक पहुंचना चाहते हैं।
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में अब तक 62% से अधिक सिविल वर्क पूरे हो चुके हैं। सड़क के प्रमुख हिस्सों पर डेंस बिटुमिन मैकडम (Dense Bitumen Macadam) की परत बिछाई जा चुकी है। जेवर एयरपोर्ट और गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने से एयर ट्रैफिक में वृद्धि होगी। यह प्रोजेक्ट आसपास के क्षेत्रों के विकास और व्यापार को बढ़ावा देगा। इस लिंक रूट से यात्रियों के समय और यात्रा लागत में कमी आएगी। जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने से राज्य के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करेगा। यह प्रोजेक्ट न केवल उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में मदद करेगा।
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