Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के निवासियों का सौभाग्य है कि उन्हें भारत की आध्यात्मिक विरासत को महाकुम्भ के माध्यम से प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाले महाकुम्भ में भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि उनके मार्गदर्शन में भारत अपनी प्राचीन विरासत पर गर्व कर रहा है। मुख्यमंत्री एक मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘डिवाइन उत्तर प्रदेश: द मस्ट विजिट सेक्रेड जर्नी’ कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का परिचायक है। यह आयोजन देश और दुनिया के लोगों को अपनी प्राचीन परंपराओं पर गर्व करने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझने का अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को प्रोत्साहित करना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन भी प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें संतों के सानिध्य में इस आयोजन को सफल और सुविधाजनक बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं।
महाकुम्भ के आयोजन में पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ के आयोजन में पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा गया है। गंगा और यमुना नदी में किसी भी प्रकार के सीवर या कचरे का निर्वहन नहीं किया जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) और बायो-रिमिडिएशन पद्धतियों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही 1.5 लाख से अधिक शौचालयों को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वे पूरी तरह से स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल हों। मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का माध्यम है महाकुम्भ
मुख्यमंत्री ने प्रयागराज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि महाकुम्भ का आयोजन सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण का भी एक माध्यम है। प्रयागराज में अक्षय वट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर, पातालपुरी कॉरिडोर और महर्षि भारद्वाज कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही भगवान राम और निषाद राज के मिलन स्थल श्रृंगवेरपुर में भव्य कॉरिडोर और प्रतिमा स्थापित की गई है।
देश और प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है महाकुम्भ- योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ जैसे आयोजनों का प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि 2019 में आयोजित कुम्भ के दौरान उत्तर प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान हुआ था। इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे प्रदेश को 2 लाख करोड़ रुपये तक की आर्थिक वृद्धि होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु जब प्रदेश में आते हैं, तो परिवहन, आवास, भोजन और अन्य सेवाओं पर खर्च करते हैं, जिससे स्थानीय व्यवसाय और रोजगार को बढ़ावा मिलता है। सीएम योगी ने जानकारी देते हुए कहा कि 2024 में काशी में 16 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ के दर्शन किए वहीं अयोध्या में जनवरी 2024 से सितंबर तक श्रद्धालुओं की संख्या 13 करोड़ 55 लाख से अधिक रही है।
आधुनिकता और आध्यात्मिकता का समागम है महाकुम्भ 2025
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस बार का महाकुम्भ एक भव्य, दिव्य और डिजिटल आयोजन होगा। 10,000 एकड़ क्षेत्रफल में आयोजित यह महाकुम्भ स्वच्छता, सुरक्षा और आधुनिकता का आदर्श प्रस्तुत करेगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डिजिटल टूरिस्ट मैप, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े सुरक्षा तंत्र और स्मार्टफोन के माध्यम से शौचालयों की स्वच्छता का आकलन करने की व्यवस्था की गई है।
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